Saturday, September 23
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क्या है छठ पूजा और कैसे मनाते हैं इसके चार दिन ( What is Chhath Pooja )

दिवाली, होली , राखी की तरह ही छठ पूजा भारत का प्रसिद्ध त्यौहार है | यह बिहार में रहने वाले लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है |  What is chhath pooja ? इसका सबसे अच्छा जवाब एक बिहारी या उसे मनाने वाले ही दे सकते हैं | बिहार के अलावा भारत के कुछ अन्य राज्यों में भी छठ पूजा को मनाया जाता है |

Chhath Puja
source: internetmedia
 

What is Chhath Pooja:-
वैसे तो कई धारणाएं है इस छठ पर्व के | इनमे से कुछ इस प्रकार है |
 

छठ पूजा हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्राचीन त्यौहार है | कुछ लोग छठ पूजा के रूप में भगवान सूर्य की पूजा करते हैं | जिसके कारन इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है | लोगों का मानना है कि भगवान सूर्य ऊर्जा के परमेश्वर हैं | और यह सूर्य देव धरती पर जीवन बनाये रखते हैं | सूर्य देव की किरणे कई विकारों जैसे कुष्ठ रोग को दूर कर देती हैं | बस इन्ही सब कारणों से सूर्य की chhath pooja के रूप में पूजा की जाती है |

कुछ लोग भगवान सूर्य पत्नि को छठी मैया कहते हैं | छठी मैया का नाम ऊषा है जिसका सीधा सा अर्थ सूर्य की किरणें हैं | छठी मैया का व्रत रखने वाले लोग अपने परिवार के सदस्यों और बुजुर्गों की सफलता के लिए इस दिन प्रार्थना करते हैं।


यह भी कहा जाता है यह ऐतिहासिक कथा भगवान राम से आयी है | माता पिता द्वारा दिए गए 14 वर्ष का वनवास पूरा बाद भगवान राम और सीता अयोध्या वापस आये थे | उसके बाद उन्होंने राज्यभिषेक के दौरान उपवास रखकर कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष में भगवान सूर्य की पूजा की थी। तभी से, छठ पूजा हिन्दू धर्म में एक त्यौहार बन गया और लोगों ने हर साल कार्तिक महीने में मनाना शुरु कर दिया।

For How many Days is Chhath Puja Celebrated:-
हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार यह छठ पूजा कार्तिक महीने के छठवें (6th) दिन से प्रारम्भ हो जाता है। और फिर इसे चार दिन तक मनाया जाता है |

  • पहला दिन ( नहाय खाय )-
    यह चार दिन का पर्व Nahay Khay से शुरू होता है | पूजा और आस्था रखने वाले उस दिन सुबह बहुत जल्दी उठ जाते हैं। वैसे तो गंगा में पवित्र स्नान करते हैं | पर जो लोग गंगा नदी से दूर रहते हैं वे अन्य नदीयों या तालाबों में स्नान कर लेते हैं। उसके बाद मन को तामसिक भोजन से दूर रख कर पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं | 2017 में छठ पूजा का नहाय खाय 24 october से प्रारम्भ है |
  • दूसरा दिन ( खरना )-
    नहाय खाय के बाद छठ का दूसरा दिन Kharna कहलाता है| खरना का अर्थ बिना कुछ खाये पूरे दिन उपवास रखना है | पूरे दिन निराजल रहना होता है | और शाम होते ही गुड़ की खीर का प्रसाद बना कर चढ़ाया और बांटा जाता है | 2017 में छठ पूजा की खरना तिथि 25 October को है |
  • तीसरा दिन ( संध्या अर्घ्य )-
    छठ पर्व का तीसरा दिन Sandhya Arghy होता है | इस दिन भी पूरा उपवास रखने के बाद शाम को डूबते (अस्त) हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है | और रात भर जागकर भजन कीर्तन किया जाता है | इस तरह से इस दिन 36 घण्टे का उपवास हो जाता है | 2017 में छठ पर्व का संध्या अर्घ्य 26 October है |
  • चौथा दिन ( ऊषा अर्घ्य )-
    चौथा दिन Parana या ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है | इस दिन सभी भक्त जान सूर्य किरण निकलने से पहले ही घाट पर पहुंच जाते हैं | और घाट या नदी के किनारे बिहानिया अर्घ्य अर्पित करते है। उसके बाद छठ मैया से संतान-रक्षा और घर परिवार के सुख शांति की कामना करते हैं | और अंत में प्रसाद कहते और बांटते हैं | 2017 में छठ पर्व का अंतिम दिन 27 October है |

इस तरह से यह छठ पूजा संपन्न होता है |

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