Friday, March 24
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साईकिल से निरमा बेचने वाले सख्श ने खरीदी भारत में दुनिया की सबसे बड़ी सी‍मेंट कंपनी का कारोबार

करसन भाई पटेल ( karsanbhai patel ) जो कभी साईकिल चलाकर निरमा पाउडर बेचा करते थे उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी सी‍मेंट निर्माता कंपनी लाफार्ज होलसिम का भारत में सीमेंट कारोबार खरीद लिया है ।भले ही उन्हें ऐसा करने में काफी लम्बा अरसा लगा है पर उनकी मेहनत रंग लाई ।
Lafarge_holcim_cement

 

करसन भाई ( karsanbhai patel ) खोड़ी दास पटेल मेहसाना, गुजरात के निवासी हैं ।वह एक किसान परिवार से हैं ।और उनका जन्म 13 अप्रैल 1945 को हुआ था ।  उन्होंने इस बिज़नेस की शुरुवात एक छोटे से कमरे से सन् 1969 से की थी । इस बिज़नेस के अलावा वह नौकरी भी करते थे । जब वह ऑफिस जाते थे तो अपने साथ साईकिल पर कुछ डिटर्जेंट पाउडर भी रख लेते थे और बेचते हुए ऑफिस पहुँच जाया करते थे । शाम को घर आकर प्रोडक्शन और पैकिंग के काम में लग जाते थे।इस तरह से 15-20 पैकेट दिन भर में बेच लेते थे ।उस समय निरमा की कीमत मात्र 3.50 रुपए थी, जो अन्‍य ब्रांडेड डिटर्जेंट पाउडर से करीब एक चौथाई ही थी।
nirmaa_karsanbhai_patel

 

पटेल ( karsanbhai patel ) ने निरमा डिटर्जेंट पाउडर का नाम अपनी बेटी के नाम पर ‘निरमा’ रखा। यह डिटर्जेंट पाउडर अन्‍य ब्रांडेड डिटर्जेंट पाउडर से सस्ता और बेहतर होने से लोगों में पसंद किया जाने लगा और जल्‍द ही निरमा पर एक सफल ब्रांड का लेबल लग गया।लोगो में बढती हुई माँग को देखकर उन्होंने नौकरी को छोड़ना उचित समझा और अहमदाबाद के पास में  एक छोटी सी फैक्ट्री डाल दी । और इस तरह से निरमा ब्रांड के गुजरात और महाराष्ट्र सहित कई स्थानों में ब्रांच हो गये । पटेल ने रेडियो और टीवी पर प्रचार करवाया जिससे देश के घर-घर में निरमा का प्रचार पहुंचा।
nirma_powder

 

वर्तमान में निरमा ग्रुप में लगभग 18 हजार से ज्‍यादा कर्मचारी काम कर रहे  हैं और इसका सलाना टर्नओवर 7,300 करोड़ रुपए है। निरमा डिटर्जेंट पाउडर की सफलता के कारण फोर्ब्‍स ने पटेल को भारत के अमीरों की लिस्‍ट में वर्ष 2005 को शामिल भी कर चुकाहै ।निरमा का  ‘शुद्ध’ नमक , ‘निरमा बाथ’, ‘निरमा ब्‍यूटी’ का सोप, प्रीमियम पाउडर और ‘सुपर निरमा डिटर्जेंट’ जैसे कई प्रोडक्‍ट्स मार्केट में उपलब्ध हैं।
karsanbhai_patel_pic

 

इन सब के अलावा पटेल ने निरमा ब्रांड की सफलता के बाद वर्ष 1995 में अहमदाबाद में ‘निरमा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी की स्‍थापना की। कुछ समय पश्चात पटेल ने  ‘निरमा यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी के रूप में इसे संचालित किया और आज इन संस्थानों को ‘निरमा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन’ नाम से जाना जाता है ।
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