
क्या प्रधानमंत्री का कैशलेस का सपना पूरा होगा ?
आज कल कैशलेस ट्रांसेक्शन की बाते बहुत जोड़ो शोरो से चल रही है. कैशलेश अर्थव्यवस्था में शामिल होना अपने आप में देश के विकास में सहयोग देने के बराबर है . नोटबन्दी के बाद लोगो कि परेशानी देखते हुए प्रधानमंत्री कि तरफ से नया नारा दिया गया है.
"मेरा मोबाइल .... मेरा बैंक ..... मेरा बटुआ.."
लेकिन क्या हमारा देश तैयार है. इस व्यावस्था को आगे बढ़ाने के लिए जनता को तो आगे बढ़ना ही पड़ेगा लेकिन सरकार को भी इसके लिए रोडमैप तैयार करना होगा क्योंकि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 55% लोगो के पास ही डेबिट कार्ड है. ऐसे में लोग कैशलेस ट्रांसेक्शन कैसे कर पाएंगे और जिन लोगों के पास डेबिट कार्ड है उनमें से सिर्फ 7-8 % लोग है जो नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते है और बाकि लोग अपने कार्ड का उपयोग सिर्फ पैसे निकालने के लिए करते है.
Source:- RBI
आपको ये भी जानकारी होनी चाहिए की भारत