हम बात कर रहे हैं एक ऐसे कवी की जिनकी कविता सुन कर आज के युवा वर्ग के लोग उत्साहित हो जाते हैं . Hariom Pawar वीर रस के कवी है. जब ये अपने द्धारा लिखीगई कोई भी कविता गाते है तो आज के युवाओ में जोश भर जाता है| और जब वो भारत की सीमा से जुडी कोई कविता गाते है फिर तो खून ख़ौल उठता है।
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जन्म और जीवन परिचय :-
हरिओम पंवार भारत की राष्ट्रीय अस्मिता के गायक हिन्दी कवि हैं। वे वीररस के कवि हैं। Hariom Pawar जी का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर जिले में सिकन्दराबाद के निकट बुटना गाँव में हुआ था। वे के मेरठ विश्वविधालय में विधि संकाय में प्रोफेसर हैं। उन्हें भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें ‘निराला पुरस्कार’, ‘भारतीय साहित्य संगम पुरस्कार’, ‘रश्मि पुरस्कार’, ‘जनजागरण सर्वश्रेष्ठ कवि पुरस्कार’ तथा ‘आवाज-ए-हिन्दुस्थान’ आदि सम्मान प्रदान किये गये हैं।
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इनके द्धारा लिखी गई, इंद्रागाँधी जी की मृत्यु, और अयोध्या की आग, काफी विख्यात हुई थी।
उनके द्धारा की गई कुछ प्रमुख रचनाये :-
- काला धन,
- घाटी के दिल की धड़कन,
- मै मरते लोकतन्त्र का बयान हूँ,
- बागी हैं हम इन्कलाब के गीत सुनाते जायेंगे,
- विमान अपहरण,
- कहानी कांग्रेस की,
- इंदिरा जी की मृत्यु पर,
- अयोध्या की आग पर,
- आजादी के टूटे फूटे सपने लेकर बैठा हूँ,
- मेरा राम तो मेरा हिंदुस्तान है,
- घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने लाया हूँ,
- इन्कलाब के गीत सुनाते जायेंगे,
- अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर का परिचय,
- घाटी में संघर्ष विराम,
- मैनें क्यों गाए हैं नारे,
- हाँ हुजूर मैं चीख रहा हूँ