Tuesday, March 28
Shadow

जानिए कैसे एक भिकारी जो अब बन चुका है 30 करोड़ से ज्यादा टर्न ओवर का मालिक 

आइये हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी  दास्तां बयां करते है जिसका जीवन बड़े ही संघर्षो से भरा था । ये हैं रेणुका आराध्य की कहानी , जो कभी अपने पिता के साथ अपने गांव की गलियों में जाकर भीख माँगा करते थे ।
रेणुका आराध्य बंगलूर के पास गोपसांद्रा नामक गांव में एक गरीब पुजारी परिवार में पैदा हुए थे । उनकी आर्थिक स्थति बहुत ही ख़राब थी । और पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए उन्हें दूसरों के घर पर जाकर काम करना पड़ता था । जैसे तैसे उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की और उसके बाद मंदिर में जाकर पुजारी का काम शुरू कर दिया ।
रेणुका ( Renuka Aradhya )जी को आगे पढ़ने का बड़ा मन था इसलिए उनके पिता ने शहर के एक आश्रम में उन्हें भेज दिया । जहाँ पर उन्हें केवल सुबह और शाम का ही खाना मिलता था । जिससे वो भूखा रह जाते थे और इस वजह से पढ़ाई भी अच्छे से नही कर पाते थे । जिसके कारण वो परीक्षा में फेल हो गए और उन्हें घर वापस आना पड़ा । कुछ समय बाद उनके पिता चल बसे और घर की जिम्मेदारी उन पर आ गई ।
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इसके बाद रेणुका ( Renuka Aradhya ) जी को एक फैक्ट्री में नौकरी मिल गयी वह पर एक साल तक काम किया उसके बाद बर्फ और प्लास्टिक बनाने वाली कंपनी में और फिर बैग की ट्रेडिंग कंपनी में  काम किया ।  उनका ३० हजार  का नुकसान भी हुआ था । इसके बाद उन्होंने गॉर्ड की नौकरी छोड़ दी । और उसके बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों से कुछ पैसे लेकर ड्राइविंग सीखी ।
ड्राइविंग की प्रैक्टिस करते हुए वो एक अच्छे ड्राइवर बन गए ।  जिसके चलते  वो एक वो  एक दिन बड़ी ट्रैवेल एजेंसी में काम करने लगे । यहाँ पर उनका काम विदेशी टूरिस्ट को  घुमाने का था । समय बीतते गया और फिर 4 साल बाद इनने अपना खुद का ट्रैवेल कंपनी  ” सिटी सफारी” नाम की एक कंपनी खोली और अपनी पहली कार खरीदी । इस तरह से उन्होंने अपने कारोबार को बढ़ाया ।
Renuka Aradhya
यही नहीं उन्होंने एक कैब कंपनी जिसकी हालत अच्छी नहीं थी उसको भी खरीद लिया । रेणुका जी की किस्मत तो तब चमकी जब अमेज़न इंडिया ने उन्हें प्रमोशन दिया । इस तरह से उन्होंने जनरल मोटर्स  और वालमार्ट जैसी बड़ी कम्पनीओ के साथ काम किया। और अब यह कंपनी १५० से ज्यादा लोगो को जॉब दे रही है ।
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