Tuesday, October 3
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साड़ी का इतिहास,कहाँ से हुई थी इसकी शुरुआत ( History of sari)

History of sari, from where it was started

भारतीय परिधान में पहने जाने वाले कपड़ो में सबसे ज्यादा लम्बाई साड़ी की होती है | यह लगभग 6 यार्ड लंबे कपड़े का बना होता है | Do you know the History of sari, from where it was started. क्या आपको पता है सबसे पहले किसने पहना था | The origin of sari came from India by Sati.

Origin of sari:-
साड़ी शब्द संस्कृत शब्द सती से लिया गया है | कहा जाता है कि साड़ी 2800 से 1800 ईसा पूर्व में सिंधु घाटी सभ्यता से आई थी। जहाँ की महिलाएं अपने पूरे शरीर को एक मात्र वस्त्र साड़ी से ढँकती थीं | उस समय साड़ियों का रंग सफेद ही हुआ करता था |


Variety of sari:-

प्राचीन काल में जहाँ औरतें एक ही प्रकार की सफेद रंग साड़ी ( saree ) पहना करती थीं, अब उन साड़ियों में variety आ गयी है | History of sari की बात करें तो अलग – अलग राज्यों में अलग – अलग तरीके की साड़ी देखने मिलता है | उन्हें पहनने का तरीका बिल्कुल अलग होता है | इन साड़ियों के नाम इस प्रकार हैं –
बनारसी सिल्क साड़ी – वाराणसी

banarasi sari history of sari

चंदेरी साड़ी – मध्यप्रदेश

chanderi sari history of sari

तांत साड़ी – वेस्ट बंगाल

tant sari origine of sari

कांजीवरम साड़ी – साऊथ इंडिया

Kanjeevaram Sari

असम सिल्क साड़ी – असम

assam silk
भागलपुरी सिल्क साड़ी – भागलपुर, बिहार
संबलपुरी साड़ी – ओड़िसा
कोसा साड़ी –
नौवारी साड़ी – महाराष्ट्र
धकाई जामदानी साड़ी – ढाका बांग्लादेश
पट्टू साड़ी – केरला
पंचमपल्ली साड़ी – नालगोंडा तेलंगाना
बोमकई साड़ी – ओड़िसा
कोटकी साड़ी


पैथानी साड़ी
बालूचरी सिल्क साड़ी – वेस्ट बंगाल
गोटा साड़ी
कलमकारी साड़ी
पटोला साड़ी – पतन, गुजरात

आजकल समय के साथ-साथ साड़ी के लुक में बहुत बदलाव भी हुए हैं | कई बार साड़ी का नया लुक देने के लिए ब्लाउज को स्टाइलिश या प्लान डिज़ाइन दे दिया जाता है | कभी तो साड़ी के साथ फुल स्लीव , स्लीव लेस या कॉलर वाले ब्लाउज भी पहने जाते हैं |

history of sari in different blouses

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