आजकल सरकार देश के विकास के लिए नए नए तकनीक और तरीके सामने ला रही है | इसमें से एक बिजली का उत्पादन भी है | अनुमान लगाया जा रहा है कि 2022 तक जमीन की गर्मी से बिजली बनाने लगेंगे। See below electricity generation by geothermal energy in 11 states.
इन राज्यों में बनेगी धरती की गर्मी से बिजली :-
पूरे भारत में 11 ऐसे राज्य हैं जहाँ पर इस तकनीक से बिजली बनेगी |
ये राज्य आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं। वैसे तो अन्य राज्यों में भी इसकी जाँच की गयी थी | पर ये स्टेट्स मुख्य हैं जहां electricity will be generated by geothermal energy.
ये राज्य आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं। वैसे तो अन्य राज्यों में भी इसकी जाँच की गयी थी | पर ये स्टेट्स मुख्य हैं जहां electricity will be generated by geothermal energy.
कितनी महँगी पड़ सकती है यह बिजली :-
अभी तक के अनुमान से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि प्रत्येक यूनिट 12 रुपए की पड़ेगी | जो कि आज के समय से बहुत ज्यादा है | देखा जाये तो geothermal energy हाइड्रो या थर्मल पावर से 3 से 4 गुना महँगा है | फिलहाल सरकार इसे सस्ता करने के उपायों में लगी है।
Geothermal energy से कितनी electricity बन सकती है :-
एमएनआरई के अनुसार भारत में 10 हजार मेगावाट तक बिजली पैदा की जा सकती है | वैसे तो सरकार ने आने वाले पांच साल में geothermal energy से 1000 मेगावाट कैपिसिटी के प्लान्ट लगाने का सोचा है। जिससे एक एवरेज ले कर चलें तो एक साल में 830 करोड़ यूनिट बिजली बनाई जा सकती है |
ये 11 राज्य क्यूँ चुने गए :-
Electricity generation by geothermal energy एक चुनौती पूर्ण कार्य है | इन राज्यो को चुनने का मुख्य कारण उनकी क्वालिटी है |
- जियो-थर्मल एनर्जी पृथ्वी से 3 – 4 किलोमीटर की गहराई में जाने से मिलती है | यहाँ ऊष्मा गर्म चट्टान या पानी के रूप में मौजूद होती है। इसी ऊष्मा से जियो-थर्मल एनर्जी वाली बिजली बनती हैं।
- इन जगहों में से ज्यादातर जगहों पर पृथ्वी के अंदर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस है।
- छत्तीसगढ़ में बॉयलिंग प्वाइंट टेम्परेचर 98 डिग्री सेल्सियस तक पाया गया है। जबकि कुछ जगह 84 डिग्री सेल्सियस तक ही है|
Geothermal energy से बिजली बनाने की पहल कारण पृथ्वी में ऊष्मा लगातार बनना है। यह कभी खत्म नहीं होती। इसलिए जियो-थर्मल को रिन्यूअल एनर्जी भी कहा गया है।
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