Don't write same as above without read
Monday, March 20
Shadow

Don’t write same as above without read

तिवारी साहब एकदम कडक ऑफिसर  …………….,

स्टाफ अगर लेट आये तो उनको बिलकुल बर्दाश्त नहीं होता।
नियम यह था कि लेट जो भी आएगा वो रजिस्टर पे लेट आने का कारन भी लिखेगा……

उस दिन ऑफिस आने पे जब तिवारी जी ने रजिस्टर देखा तो उनका दिमाग ही ख़राब हो गया……….

तुरंत दस स्टाफ को केबिन में बुलाया गया…………,

दसो स्टाफ केबिन में लाइन से गर्दन झुका के खड़े थे……

तिवारी साहब के आँखों से अंगार निकल रही थी और गुस्से से लाल पिले हो रहे थे……

इतने में ही peon अंदर एक मिठाई का डब्बा लेके आया…

इतने में तिवारी साहब उठे……

आँखे तरेरते हुए सारे स्टाफ को मिठाई हाथ में दी और कहा – “खाओ’….
किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था पर डर के मारे मिठाई खा ली…”बधाई हो बधाई”,
तिवारी साहब चिल्लाये….और कहा….

“मुझे बहुत ख़ुशी है कि आज ऑफिस में एक साथ दस स्टाफ की बीवी प्रेग्नेंट है”………

और इससे भी आश्चर्य की बात यह है कि सबकी सोनोग्राफी भी आज ही हुई है”

“बेवकूफो रजिस्टर पे लिखते समय यह तो देखो कि ऊपर वाले ने क्या लिखा है….बिना देखे ‘Same As Above’ लिख देते हो…….. ,

और इससे भी बड़ा आश्चर्य यह है कि इन दस जनो में दो लेडीज स्टाफ है। 

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