Saturday, September 23
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भारत के पंद्रहवें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जी का जीवन परिचय और उनकी सफलता का रहस्य 

Narendra Modi

वैसे तो अधिकतर लोग प्रधानमंत्री जी का नाम नरेंद्र मोदी ( narendra modi ) बताते है पर कुछ ही लोग जानते हैं कि मोदी जी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है | ये स्वतंत्र भारत के 15th प्रधानमंत्री है क्यूंकि इनका जन्म भारत के स्वतंत्र होन के बाद  17 सितंबर 1950 को हुअा था | इनका ( narendra modi ) जन्म गुजरात प्रदेश मे महेसाना जिला के वड़नगर गाँव मे हुअा था | इनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी व माता का नाम हीराबेन मोदी है |
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जीवन परिचय

मोदी जी का परिवार बहुत गरीब था | उन्हें दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुश्किल से मिलती थी | नरेंद्र मोदी अपने माता पिता की 6 संतानों मे से तीसरी नंबर की संतान है | मोदी जी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने मे अपने पिता की मदद करते थे और  उनकी मा अास पड़ोस मे बर्तन मांजा करती थी | इस तरह से उनके परिवार का गुजर बसर हुअा करता था | मोदी जी को बचपन से ही पढ़ाई का बड़ा शौक था, वे किताबों के बीच घंटो बिता देते थे | बाल्यावस्था से ही उनमे लीडरशिप की भावना कूट कूट कर भरी हुई है | वो एक निडर स्वाभाव के बच्चे थे |
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17 वर्ष की अायु मे ही उनका विवाह जसोदाबेन चमनलाल से हो गया था | उन दोनो की शादी तो जरूर हुई थी पर कभी साथ नही रहे | शादी के कुछ साल बाद ही नरेंद्र मोदी ने घर को छोड़ दिया था | उनका मनना था कि एक शादीशुदा के मुकाबले अविवाहित व्यक्ति ही भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहतोड़ जवाब दे सकता है | क्यूंकि ऐसे मे उसे अपने परिवार की चिंता नही होती है |  घर छोड़ने के बाद उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों मे यात्राएं की और दो वर्ष बाद घर लौट अाये | उसके बाद उनका केवल एक ही मकसद “राष्ट्र सेवा” था | इसके चलते कुछ दिनों ही वो अहमदाबाद के लिए निकल पड़े और फिर  R.S.S. के सदस्य बऩ गए | सन् 1990 मे नरेंद्र मोदी ने अडवानी की अयोध्या रथ यात्रा का भव्य अायोजन किया था जिससे बीजेपी के वरिस्ठ नेता काफी प्रभावित हुए |
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सफलता का रहस्य 

1995 मे मोदी जी ने राष्ट्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए पाँच राज्यों मे पार्टी संगठन का काम बखूबी किया | और 1998 मे पदोन्नति करते हुए उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री बना दिया गया | इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उनके काम से खुश होकर 2001 मे गुजरात के मुख्यमंत्री का पद सौंप दिया |  मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने गुजरात के विकास के लिए कई योजनाए शुरू की, जिनमे से ये- पंचामृत योजना, मातृ-वन्दना,सुजलाम् सुफलाम्,चिरंजीवी योजना ,कृषि महोत्सव,बेटी बचाओ,ज्योतिग्राम योजना ,कन्या कलावाणी योजना,कर्मयोगी अभियान,और बालभोग योजना  हैं |
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2001 मे गुजरात में भयानक भूकंप आया और सब कुछ तहश नहश हो गया था  । गुजरात सरकार के राहत कार्य से ना खुश होकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मोदी ( narendra modi ) जी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया। उसके बाद मोदी ने काफी कुशलता से राहत का कार्य संभाला और गुजरात को फिर से खड़ा कर दिया |
 सन् २००२ मे  हुए हिन्दू – मुस्लिम दंगे के कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा | मामला  27 फरवरी 2002  का है जब अयोध्या से गुजरात वापस अा रहे कारसेवकों को गोधरा स्टेशन पर जिंदा जला दिया गया था |
२०१४ मे मोदी की सफलता और नेतृत्व को देखते हुए B.J.P. ने मोदी को लोक सभा चुनाव मे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के लिए घोषित किया | उम्मीदवार घोषित होने के बाद मोदी ने चुनाव अभियान की बाग ड़ोर राजनाथ सिंह को संभालने के लिए के लिए दे दी |  और अपनी पहली रेली हरियाणा प्रदेश के रिवाड़ी  शहर से शुरू की |
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Prime Minister Narendra Modi

मोदी ( narendra modi ) जी ने दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वडोदरा से चुनाव को लड़ा और दोनो ही जगह से विजयी हुए | इस तरह से प्रधानमंत्री के चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी ने अकेले ही 282 सीटों से विजयी हुए जबकि कांग्रेस के हाथ मे केवल 44 सीटें  अायी | उन्होंने जीती हुई गुजरात की वडोदरा सीट से इस्तीफ़ा देने का और संसद में उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया | और फिर नरेंद्र मोदी भारत के पंद्रहवें प्रधानमंत्री बन गए तथा 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली | इन्होंने ने 13 साल तक (2001 से 2014 तक) गुजरात मे चौदहवे मुख्यमंत्री के रूप मे जनता की सेवा की है |
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प्रधानमंत्री के पद पर असीन नरेंद्र मोदी ( narendra modi ) जी देश की भलाई मे जी जान से जुटे हुए है और यही नही जनता भी खुद उनका हांथ बंटा रही है | उनका कहना है कि – ” मैं प्रधानमंत्री के रूप में नहीं प्रधानसेवक के रूप में आपके बीच उपस्थित हूँ | ” |
मोदी जी की सफलता का रहस्य  उनका अात्म विश्वास, कड़ी  मेहनत, अनुशासन, सही समय पर सही निरणय लेना, रचनात्मक सोच, परिवर्तन को अपनाना, लीडरशिप की भावना ,सकारत्मक और अाशावादी होना है | ये हैं जीवन के वो मूलमंत्र जो व्यक्ति को अागे बढ़ाती है |
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