Tuesday, November 28
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मंत्रियों, जजों, अफसरों के वाहनों पर लाल बत्ती के इस्तेमाल पर लगी रोक: red lights ban

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी मंत्रियों ने आज 1 मई 2017 से red lights का इस्तेमाल छोड़ दिया है | Ban on the use of red lights on the vehicles, will not applicable for ambulance, fire brigade, police and army.

हालाँकि यह प्रतिबन्ध ( ban ) 21 मई से लागू होना था पर आज मजदूर दिवस के अवसर पर मोदी सरकार ने इस vip कोटा को दूर करते हुए अपने मंत्रियों को वीआईपी कल्चर से दूर कर दिया है | जबकि इसका पालन पंजाब के मुखयमंत्री अमरिंदर सिंह और उत्तर प्रदेश के मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले से ही कर दी है |

red lights ban in up
लालबत्‍ती सुविधा है या वीआईपी कल्‍चर ?:-
जहाँ एक ओर सरकार द्वारा यह red lights मंत्रियों की सुविधा के लिए दिया गया था वहीं दूसरी ओर अब यह देश में वीआईपी कल्चर को दर्शाता  है। एक आम आदमी की गाड़ी और किसी मंत्री की गाड़ी में फर्क सिर्फ लाल बत्ती का ही होता है |
खासकर वीआईपी रूट के दौरान पुलिस लाल बत्ती के सायरन की आवाज सुनते ही बैरिकेट्स लगा देती है और कई जगह का ट्रैफिक रोक देती है, जिसकी वजह से आम लोगों को काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है

red lights vip

लाल बत्‍ती को हटाने का कारण :-

मंत्री परिषद् के वाहनों पर लाल और नीली बत्ती देने का एक मात्र कारण जनसेवन था | आमजनता की परेशानियों का निवारण करने के लिए समय पर पहुँच जाये इसके लिए सरकार द्वारा यह सुविधा दी गई थी, पर कुछ  छुटमैया नेता, मंत्रियों के घरों में खाना बनाने वाले बावर्ची और ड्राइवर भी red lights के वाहनों में घूमने का शौक पूरा करते रहते हैं |  इस तरह से लाल – नीली बत्तियों का फायदा उठाया जाता है | और कहीं न कहीं यही हाल सुरक्षा को भी लेकर रहा है, वीआईपी सुरक्षा में भी जरूरत से ज्यादा बलों का उपयोग होता है | 

misuse of red lights

देश में वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए समय-समय पर कई कदम उठते रहे हैं । पर अब जाकर यह ठोस फैसला लिया गया है कि यह प्रतिबंध फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, आर्मी और  पुलिस के वाहनों पर लागू नहीं होगा | केवल मंत्रियों, जजों और अफसरों के वाहनों पर लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाया जायेगा |

ban red light modi says

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