करीब पांच करोड़ साल पहले ह्वेल के पूर्वज इंडोहायस ( Indohyus ) जम्मू-कश्मीर में रहते थे। इतना ही नहीं ह्वेल मछली (whale fish) की उत्पत्ति भारत में हुई है। यहीं से वह दुनिया भर के समुद्रों में फैली। राजोरी के कालाकोट में मिले उसके जीवाश्म के अध्ययन से पता चला कि वह पूरी तरह थलचर और शाकाहारी थी।

The ancestors of Whale- Indohyus
करीब सात-आठ साल पहले कालाकोट में जियोलोजिकल सर्वे आफ इंडिया में जियोलोजिस्ट रहे ए रंगाराव ने कालाकोट में इसके जीवाश्म खोजे थे।
यहां तीन से चार कंकाल मिले। हालांकि ये सभी टुकड़ों में थे। जिन्हें जोड़कर उसका स्वरूप देखा गया कि वह कैसी थी। ये जीवाश्म रंगाराव के देहरादून स्थित आवास के म्यूजियम में सुरक्षित रखे हैं। उन्होंने इन जीवाश्मों को अपने सहयोगी शोधकर्ता अमेरिकी जियोलोजिस्ट को अध्ययन के लिए दिए थे।
उस समय इस whel fish की पहचान नहीं हो सकी थी कि ये जीवाश्म किस जानवर के हैं। बाद में आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर और बीरबल साहनी पुरा वनस्पति विज्ञान संस्थान लखनऊ के डायरेक्टर सुनील बाजपेयी ने इसका गहन अध्ययन किया। साथ ही कालाकोट में भी उन्होंने कई शोध किए।
उन्होंने पाया कि ये जीवाश्म ह्वेल के पूर्वजों के हैं। उन्होंने भी गुजरात में कच्छ समेत कई स्थानों पर ह्वेल के कई जीवाश्म खोजे। उस समय कच्छ में समुद्र बेहद छिछला था। उन्होंने जो जीवाश्म खोजे उनकी उम्र करीब 4.20 करोड़ साल हैं।
शोध
इन तमाम जीवाश्मों के अध्ययन में उन्होंने पाया कि ह्वेल की उत्पत्ति भारत में हुई और यहीं से वह दुनिया भर के समुद्रों में फैली। उनका यह शोध 2009 में प्रसिद्ध साइंस पत्रिका नेचर में भी प्रकाशित हो चुका है।
प्रोफेसर बाजपेयी ने बताया कि करीब 5.50 करोड़ साल पहले भारत और चीन की प्लेट में टकराव शुरू हुआ। इस टकराव के चलते जम्मू-कश्मीर में समुद्र के साथ कुछ थल का हिस्सा भी बना था। इसी थल के हिस्से पर इंडोहायस का प्रवास था। वह चार पैरों से चलती थी। उस समय वह स्तनपायी थी और आज भी स्तनपायी है।
उसके दांतों की संरचना बताती है कि वह पूरी तरह शाकाहारी थी। उन्होंने बताया कि मांसाहारी जानवरों से बचने के लिए वह कभी-कभी कुछ देर के लिए पानी में चली जाती थी। बाद में पानी में मछली जैसे जानवरों की प्रचुर मात्रा होने के कारण वह नियमित रूप से पानी में जाने लगी और मांसाहारी हो गई।
50 लाख से लेकर एक करोड़ साल के विकास क्रम की इस प्रक्रिया में वह पूरी तरह जलचर बन गई। Whale fish के चारों पैर उसके फिंग बन गए। उन्होंने बताया कि आगे चलकर भारत और चीन की प्लेटों के बीच टकराव की वजह से इस इलाके से समुद्र पूरी तरह गायब हो गया।
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